Friday, 4 March 2022

हम्म।

मैं तुम से प्रेम करता हूँ।  

हम्म।  

हम्म?

हाँ।  

अरे मतलब क्या हुआ? कुछ तो कहो?

प्रेम करते तो हो, कर लो डीकोड।  

बिना संवाद के गलत समझ लिया तो?

प्रेम करते हो, लेकिन संवाद की शर्त पर।  

बिना संवाद के प्रेम कैसे होगा? होगा तो ठहरेगा कैसे?

क्यों ठहराना है उसे?

प्रेम मिलना भी तो चाहिए।  

प्रेम करते हो कि व्यापार?

पहेलियाँ न बुझाओ। साफ साफ कह दो जो भी कहना है।  

कुछ नहीं कहना, यही सच है।  

ईमानदारी, कम्युनिकेशन, एम्पथी, उन सब का क्या?

वो सह अस्तित्त्व के टूल्स हैं, रिलेशनशिप के, प्रेम के नहीं।  

रिलेशनशिप बिना प्रेम के होगी?

क्या नहीं होतीं दुनिया में अधिकतर?

तो प्रेम कैसा होगा?

पता नहीं।  

हम्म।  

हाँ।  

#मन_के_गहरे_कोनों_से - 22 #lovenotes_anupama #अनुपमा_आपबीती_जगबीती

©Anupama Garg 2022

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