#Sexuality_notes_by_anupama – 13
मैं लिखना कुछ और चाहती थी लेकिन पिछली पोस्ट पढ़ने के बाद आप में से
कुछ लोगों ने कई और सवाल पूछे| अभी तक कोई 18 प्रश्न आये,
सभी
पोर्नोग्राफी से सम्बंधित, इसलिए मैंने उन्हें दो पोस्टों में
विभाजित करने का निश्चय किया है | उसके बाद भी यदि पोर्नोग्राफी से सम्बंधित
प्रश्न आये तो सोचेंगे कैसे उनका उत्तर दिया जाये |
Q - लोग पोर्न देखते क्यों हैं?
रिसर्च के आधार पर पोर्न देखने वालों ने तकरीबन 80
कारण बताये हैं, अपनी पोर्न देखने की इच्छा के पीछे | लोगों से कहा
गया, वे अपने व्यक्तिगत कारण बताएं, बजाय ये सोचने
के कि सामान्य कारण क्या होते होंगे | कोशिश की गयी है ऐसी researches में कि उनमें से मान्यताओं, मिथकों
को हटा कर लोगों के फर्स्ट हैंड इनपुट्स को सिरे से पढ़ा जा सके | इन
कारणों को अलग अलग तरीकों से classify
कर के भी पढ़ा गया है | इनमें सबसे प्रमुख कारण थे सेक्स के
बारे में जानने की उत्सुकता, उत्तेजना की चाह, सेक्स
के लिए पार्टनर की उपलब्धि न होना, सेक्स में बारे में नयी जानकारी पाने
की चाह, और बोरियत।
Q - आप किस आधार पर कह रही हैं कि पोर्न देखना या पोर्न देखने की लत
नार्मल है?
यहाँ कई चीज़ें देखने लायक हैं | एक तो पोर्न
देखने की लत नाम की कोई चीज़ है भी है या नहीं, अभी इसको ले कर researchers
के
बीच डिबेट है | अमेरिकन
साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार, पोर्न देखने की लत कोई मानसिक रोग नहीं
है जैसे ड्रग्स या शराब की लत है | इसका मतलब ये नहीं कि मनुष्य के मन
मस्तिष्क, और समाज पर पोर्न के दुष्प्रभाव नहीं पड़ते।
अब यहाँ समझने के लिए कई बातें हैं, जैसे किसी आदत
और नशे में क्या अंतर है? जैसे, मुझे फिल्में
देखने की आदत है, कभी कभी हद से ज़्यादा फिल्में भी देखती हूँ, लेकिन अभी उस
स्थिति में नहीं पहुंची हूँ जहाँ इसे नशा कहूँ।
हाँ, अगर मेरी बिंज वाचिंग की आदत मुझे हफ़्तों अपने कमरे से बाहर न निकलने
दे, मेरी नौकरी, मेरे काम को प्रभावित करने लगे तो मुझे
ज़रूर सोचने की ज़रुरत है | जब हम इस नज़रिये से पोर्न देखने की आदत
को देखें तो खुद ही समझ आ जायेगा कि आदत है या लत। नशे की साइकोलॉजी समझने से भी यहाँ मदद मिलती
है।
लेकिन इसका मतलब ये हरगिज़ नहीं कि पोर्न के दुष्प्रभाव की बात न की
जाये, या उस इच्छा के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश न की जाये।
Q - पोर्न addiction से छुटकारा कैसे पाएं? पोर्न
की लत से उभरने में या इसको छोड़ने में कौनसी चीजें मदद कर सकती हैं?
यदि सुविधा के लिए हम ये स्वीकार भी कर लें कि पोर्न देखना लत है,
तो
उससे छुटकारा पाना वैसा ही है, जैसे किसी भी और नशे से। सबसे पहले ये समझने का प्रयास करें कि आपने
पोर्न देखना शुरू क्यों किया था ? अगर वो कारण अब आप पर लागू नहीं होता,
ये
मन को समझ आ जाये, या स्वीकार हो जाये, तो पोर्न देखना बंद करना आसान हो जाता
है।
यदि आप पोर्न इसलिए देखते हैं कि सेक्स की सामान्य खुराक नहीं मिलती,
और
मास्टरबेशन करने के लिए visual stimulus
चाहिए, तो आप को ये समझना होगा कि सेक्सुअल ज़रूरतें ठीक तरीके से और ठीक
मात्रा में पूरी हों ये ज़रूरी है। यदि वो
नहीं होगा तो कुंठा विकसित होगी, और कुंठा किसी न किसी तरह तो सामने
आएगी ही। चाहे पोर्न की लत हो, या
मास्टरबेशन की या किसी और चीज़ की।
ये समझना भी ज़रूरी है, कि पोर्न के नशे / लत / आदत और शराब,
तम्बाकू
आदि की लत में एक जैसी बात है withdrawal symptoms , कि दोनों को
छोड़ने से फ़्रस्ट्रेशन होती है। लेकिन इन
दोनों बातों में एक फर्क भी है। शराब के
केस में cold turkey (एक दम से बिलकुल बंद कर देना) हो जाना काम कर सकता है,और
उसके withdrawal symptoms को
मैनेज करने के medical तरीके भी हैं। लेकिन सेक्स /
masturbation या पोर्नोग्राफी
के consumption के केस में withdrawal
symptoms अक्सर intimate spaces
में ही दिखते हैं, और उन्हें मैनेज करने के लिए दवाएं आदि
नहीं हैं। ऐसे में रिश्तों पर दोनों तरह
की आदतों, या उन्हें छोड़ने का प्रभाव अलग अलग तरह से पड़ता है।
Q - क्या इसकी लत अविवाहित के लिए आने वाले वैवाहिक जीवन पर असर डालती है??
पोर्नोग्राफी हर देखने वाले के जीवन पर असर डालती है। वैवाहिक जीवन हो, या विवाह के
अतिरिक्त कोई रोमांटिक रिलेशनशिप, क्योंकि पोर्न का सम्बन्ध सेक्स से है,
और
सेक्स का असर रिलेशनशिप पर पड़ता ही है, इसलिए पोर्न देखने का असर तो रिश्तों
पर पड़ेगा ही।
लेकिन, इस चीज़ को देखने का एक नजरिया ये भी है, कि क्या अगर
दोनों साथ बैठ कर एक दूसरे के पसंदीदा पोर्न की बात करें, या साथ बैठ कर
देखें, तो क्या ये संभव है कि दोनों लोग ये बेहतर समझ पाएँ कि एक दूसरे को
क्या पसंद है, क्या उत्तेजित करता है ? क्या सेक्स, अलग अलग किस्म
की फैंटसीज के प्रति मेन्टल ब्लॉक टूटना अधिक सुगम हो जायेगा ? अगर
इस नज़रिये से देखा जाये तो क्या ये नहीं लगेगा कि साथ बैठ कर पोर्न देखना
रिलेशनशिप में सेक्स की बेहतरी का तरीका बन सकता है ?
वहीँ दूसरी ओर ये भी संभव है कि एक व्यक्ति की पोर्न देखने की इच्छा
हो, और दूसरे की न हो। ऐसे में
ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि जिसकी इच्छा है, वो पोर्न इसलिए
नहीं देख रहा या देख रही कि उसे अपने पार्टनर से संतुष्टि नहीं मिल रही। पोर्न
देखने का सम्बन्ध हमेशा असंतुष्टि से हो ये ज़रूरी नहीं।
पोर्न देखने का एक जो खास दुष्प्रभाव है, वो ये है कि लोग
ये भूल जाते हैं कि पोर्न फिल्मों में दिखाए जाने वाले लोग, उनके द्वारा
किये जाने वाला सेक्स, उनकी sexual prowess या
उनकी sexual performance विशेष
परिस्थितियों में शूट की गयी हैं। इसलिए पोर्न देख कर ये ग़लतफ़हमी पाल लेना,
कि
आप या आपके साथी भी वैसे ही सेक्स को एक्सपीरियंस करेंगे जैसा पोर्न में दिखाया है,
बहुत
नुकसानप्रद, और असंतुष्टिकरक हो सकता है।
इसके अलावा रही बात हद से अधिक पोर्न देखने की, तो
वो तो व्यक्तिगत तौर पर भी हानिकारक है, वैसे ही जैसे किसी भी चीज़ की अति। तो रिलेशनशिप के लिए तो हानिकारक होगी ही,
इसमें
तो दो राय नहीं ही है !
प्रश्न और भी थे, लेकिन पोस्ट बहुत लम्बी हो जा
रही। आप पोर्न पर लिखी पिछली पोस्ट यहाँ
पढ़ सकते हैं - https://www.facebook.com/anu.25.25/posts/10209484009893751
. अगली
पोस्ट में कुछ सवाल जो हम देखेंगे -
Q - संतुलित पोर्नोग्राफी क्या है?
Q - एथिकल पोर्न क्या है?
Q - क्या पोर्न देखने की कोई न्यूनतम आयु है?
Q - पेरेंट्स या टीचर्स क्या करें अगर उनका बच्चा पोर्न देखता हुआ मिल जाये?
Q - पोर्न से सम्बंधित कुछ कानूनी बातें।
तब तक, पढ़ें, समझें, सोचें, विमर्श करें, और प्रश्न यदि भेजना चाहें तो यहाँ
भेजें - Google Form Link - https://forms.gle/9h6SKgQcuyzq1tQy6
डिस्क्लेमर - मेरी वॉल पर सेक्स और सेक्सुअलिटी के सम्बन्ध में बात
इसलिए की जाती है कि पूर्वाग्रहों, कुंठाओं से बाहर आ कर, इस
विषय पर संवाद स्थापित किया जा सके, और एक स्वस्थ समाज का विकास किया जा
सके | यहाँ किसी की भावनाएं भड़काने, किसी को चोट
पहुँचाने, या किसी को क्या करना चाहिए ये बताने का प्रयास हरगिज़ नहीं किया जाता
| ऐसे ही, कृपया ये प्रयास मेरे साथ न करें | प्रश्न पूछना
चाहें, तो गूगल फॉर्म में पूछ सकते हैं | इन पोस्ट्स को
इनबॉक्स में आने का न्योता न समझें |
©Anupama Garg 2022