Monday 7 February 2022

सेक्स को अधिक संतुष्टिप्रद या आनंददायक कैसे बनाया जाये?

 #sexuality_notes_by_anupama – 9

सो बीच में Covid हुआ, writers' ब्लॉक भी हुआ, दोस्तों के साथ डिसकशंस हुए, लिखने का मन नहीं किया, इसलिए कोई पोस्ट नहीं आई आप तक | ऐसा संभव है कि ऐसा फिर दोबारा हो, लेकिन प्रश्नों के उत्तर मैं देती रहूंगी, और लगातार लिखती भी रहूंगी | सो, आज सेक्स के एक प्रैक्टिकल मुद्दे के बारे में | मेरे पास कई प्रश्न आये हैं, जहाँ पूछा गया कि साथी की इच्छा नहीं होती, क्या करूँ? साथी को सिर्फ अपना pleasure  मिल जाता है, उसके बाद मेरी उत्तेजना पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो पाती, क्या करूँ आदि |

इसका दो शब्दों में तो उत्तर हो सकता है संवाद और experiment  | लेकिन मैं ये अच्छी तरह जानती हूँ, व्यक्तिगत तौर पर भी, और देख सीख कर भी, कि ये हमेशा आसान नहीं होती | अपने आप को बहुत सुलझा हुआ समझने वाले लोग भी कभी कभी polyamory  को भटकन समझ सकते हैं, BDSM को हिंसा, और सेक्स के बारे में संवाद को बेशर्मी | सुलझे हुए लोग भी awkward  हो सकते हैं | और सुलझे हुए लोगों को चीज़ें try  करना अच्छा लगता ही हो, ये भी ज़रूरी नहीं | कुछ लोगों को सिर्फ दाल रोटी चाहिए, कुछ को बिरयानी, और कुछ को 56 भोग | ऐसे में मेरा साधारण सा 2 शब्दों का उत्तर practically किसी काम का नहीं है, ये भी मैं समझती हूँ | इसलिए कई चीज़ों की बात करेंगे | इन में से एक चीज़ है फोरप्ले और आफ्टरप्ले  (foreplay and afterplay )

क्या है फोरप्ले और आफ्टरप्ले ?
इंटरकोर्स या सम्भोग से पहले किया जाने वाली कोई भी यौन क्रिया फोरप्ले कहलाती है, और उसके बाद की जाने वाली यौन क्रिया जैसे चुम्बन, आलिंगन, यहाँ तक कि बातें भी | कभी कभी फोरप्ले को 'outercourse' भी कहा जाता है, और आफ्टरप्ले को 'pillowtalk' भी कह दिया जाता है | लेकिन फोरप्ले और आफ्टरप्ले सिर्फ़ सेक्स और उत्तेजना के दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि रिश्ते में हर तरह से आत्मीयता बढ़ाने में भी सहायता करते हैं, फिर चाहे वो भावनात्मक सम्बन्ध हों, या शारीरिक और यौन संबंध |

फोरप्ले और आफ्टरप्ले दोनों की अलग अलग योगदान है | फोरप्ले उत्तेजना बढ़ने में सहायक है, जिसके कारण सेक्स ज़्यादा आनंददायी हो सकता है | फोरप्ले एक दूसरे के शरीर की समझ बढ़ाता भी | फोरप्ले से आप ये समझ पाते हैं कि आपके साथी को कैसा स्पर्श आनंद देता है, कैसा स्पर्श उत्तेजित करता है, और कैसा स्पर्श उन्हें असुविधा महसूस करवाता है | जैसे कुछ लोगों को हलके स्पर्श अच्छे लगते हैं, कुछ लोगों को हलके स्पर्श से बेचैनी हो जाती है | कुछ लोगों को अपने साथी की मज़बूत पकड़ उत्तेजित कर सकती है, वहीँ दूसरों को उसके कारण भय या कोई पुराना ट्रामा (कई बार अवचेतन भी) ट्रिगर हो सकता है |

लेकिन अगर फोरप्ले कभी हुआ ही नहीं, तो इन बातों के बारे में कभी कुछ पता भी नहीं चलेगा | और ऐसे में सेक्स का मतलब बस इतना ही रह जाता है कि - लाइट बंद कर के, मैथुन कर लो, इंटरकोर्स कर लो, पुरुष का स्खलन हो जाये, और करवट बदल के सो जाओ | लेकिन ऐसे सेक्स में आत्मीयता कहाँ है ?

इसी तरह फोरप्ले से शारीरिक बदलाव भी आते हैं | पुरुष का hardon , महिला की योनि में स्त्राव, ये सब ऐसे बदलाव हैं, जो सेक्स को कम तकलीफदेह या अधिक आनंदप्रद बनाते हैं | लेकिन इन सब चीज़ों के लिए फुर्सत निकालनी पड़ती है, अपने साथी के बारे में सोचना पड़ता है | हड़बड़ी में सेक्स करना वैसे ही है जैसे दाल भात ठूंस कर भकोस लेना | वहीँ फोरप्ले और आफ्टर प्ले ऐसे है जैसे आपको खाने से पहले कोई एक ग्लास जलजीरा पिलाये, फिर थोड़ा salad दे, उसके बाद आप दाल चावल आराम से अचार पापड़ वगैरह के साथ खाएं | और खाना खा कर एक ग्लास आम पन्ना, या छाछ, या कोई मिठाई खाएं |

फोरप्ले और आफ्टरप्ले से एक और जो महत्त्वपूर्ण बात होती है, वो है एक दूसरे के शरीर के प्रति असहजता ख़त्म होना | सच तो ये है कि वक्ष का साइज, लिंग का साइज, और ऐसी अनेकों भ्रांतियाँ सिर्फ इसलिए फैली होती हैं, क्योंकि हम में से अधिकतर लोग, रोमांटिक या सेक्स के सन्दर्भ में नग्न मानव शरीर सिर्फ पोर्न में देखते हैं | और हम सबको पता है कि हम में से अधिकतर ने किसी मॉडल, पोर्नस्टार, या परफेक्ट 36 - 24 - 36 साइज की महिला, या 9 इंच लम्बे लिंग वाले पुरुष को अपना साथी नहीं चुना होता है |

सच तो ये है कि पोर्न व्यावसायिक है, और इसलिए पोर्न उतना ही अवास्तविक और कपोलकल्पित है, जितना आपका रोज़ हर बार खाने में 4 रसमलाई खाना | यथार्थ ये है, कि हम में से अधिकतर लोग कभी अपनी कपोल कल्पना के परे जा कर, अपने साथी का शरीर, अपना खुद का शरीर एक्स्प्लोर ही नहीं करते | हमें फुर्सत ही नहीं कि मूड बनाने के लिए हम अपनी बाकि इन्द्रियों को भी काम में लें | स्पर्श, सुगंध, स्वाद, संगीत, सब को छोड़ कर, हम सिर्फ और सिर्फ क्या सामने दिखता है पर फोकस करने लगते हैं | ऐसे में सेक्स से संतुष्टि मिले भी कैसे?

जो लोग फोरप्ले के बारे में समझते भी हैं, उन्हें भी कुछ गलतफहमियाँ सामान्य तौर पर रह जाती हैं | जैसे हर किसी के लिए फोरप्ले का मतलब अलग अलग हो सकता है | कुछ के लिए अपने साथी के साथ डर्टी टॉक्स उत्तेजनाप्रद होती हैं, कुछ के लिए कैंडल लाइट्स, कुछ के लिए kisses, डिनर, ड्रिंक्स, रोलप्ले, या कुछ और |  ऐसे ही स्पर्श के कई तरीके हो सकते हैं | कोई मसाज देना छह सकता है, किसी को मसाज करवाने में ज़्यादा रिलैक्स्ड महसूस होता है |

इसी तरह कुछ लोगों को ये ग़लतफ़हमी होती है कि फोरप्ले हो तो सेक्स होना ही चाहिए, ये भी कोई ज़रूरी नहीं |कई बार फोरप्ले अपने आप में ही काफी होता है | एक सामान्य भ्रान्ति है कि फोरप्ले में toys का इस्तेमाल करना मतलब साथी में कोई कमी है | ऐसे में मेरा मानना ये है, कि पापड़ खाने का मतलब ये नहीं कि दाल चावल में स्वाद नहीं है | पापड़ सिर्फ एक और चीज़ है जो आपकी स्वादेन्द्रिय को एक और स्वाद चखाती है |

सब लोग फोरप्ले करने में कम्फर्टेबल या सहज नहीं होते | अगर आपको या आपके साथी को फोरप्ले या आफ्टरप्ले में झिझक महसूस होती है तो आपको ये समझने की ज़रूरत है कि ये असहजता क्यों है | क्या ये इसलिए है, कि आप आलसी हैं, या आपको कॉन्फिडेंस नहीं है, या आपको लगता है कि कहीं आप जज न किये जाएं, या इसलिए कि अपने कभी कर के देखा नहीं ? चाहे जो भी कारण हों, सच ये है, कि आपके और आपके साथी के आनंदप्राप्ति की ज़िम्मेदारी आप ही दोनों की है, इसलिए जब तक कोशिश नहीं कर के देखेंगे, तब तक पता चलेगा भी नहीं | सेक्सुअल एक्सपेरिमेंट की आदत न होने का बहाना वैसे ही है, जैसे कोई कहे, बचपन में मेरी माँ मेरा लंगोट बदलती थी, इसलिए मुझे आदत नहीं अपना कच्छा खुद पहनने की |

फोरप्ले या आफ्टरप्ले के बारे में और भी बहुत कुछ लिखा जा सकता है, टिप्स भी दिए जा सकते हैं लेकिन, बात का मूल सार सिर्फ इतना कि धीरे धीरे, प्यार से, अपने साथी की पसंद जानने की कोशिश करें, अपनी पसंद उन्हें बताएं, बिना थोपे बिना जज किये, जो चीज़ें दोनों को पसंद हों, उन्हें कर के देखें, और आपको अपनी सेक्स लाइफ में खुद ही फर्क दिख जायेगा |

डिस्क्लेमर - मेरी वॉल पर सेक्स और सेक्सुअलिटी के सम्बन्ध में बात इसलिए की जाती है कि पूर्वाग्रहों, कुंठाओं से बाहर आ कर, इस विषय पर संवाद स्थापित किया जा सके, और एक स्वस्थ समाज का विकास किया जा सके | यहाँ किसी की भावनाएं भड़काने, किसी को चोट पहुँचाने, या किसी को क्या करना चाहिए ये बताने का प्रयास हरगिज़ नहीं किया जाता | ऐसे ही, कृपया ये प्रयास मेरे साथ न करें | प्रश्न पूछना चाहें, तो वॉल पर पूछें, या फिर पहले कमेंट में गूगल फॉर्म है, वहां पूछ सकते हैं | इन पोस्ट्स को इनबॉक्स में आने का न्योता न समझें |
©Anupama Garg 2022

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