Thursday 18 March 2021

मैं किसान हूँ

 

तुम जो मुझ पर बन्दूक तानते हो
तुम जो मुझे आगे कर बन्दूक तानते हो
भूल जाते हो
मैं अभिमन्यु नहीं हूँ
मैं फंस भी गया,
तो चक्रव्यूह भेद कर बाहर किसी तरह आ ही जाऊँगा | 
 
मैं कृष्ण भी नहीं
इसलिए विध्वंस की शक्ति पा भी गया
तो अर्जुन को आगे नहीं करूंगा
और १००वें अपशब्द पर चक्र भी नहीं चलाऊंगा | 
 
राम नहीं हूँ मैं
इसलिए लाँछन से बँध कर
गर्भवती धर्मपत्नी को बनवास नहीं सुनाऊंगा |
 
मैं किसान हूँ
मेरी सुनोगे तो धरती से सोना उपजाऊंगा
और मुझे मार दोगे तो शायद चुपचाप मर भी जाऊँगा|
 
लेकिन तुम खाओगे क्या ?
बंदूकें या बंकर में छुप कर
अपने हाथ से चली गोली?


© Anupama 2021

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